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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= बुलाकी दास बावरा }}[[Category: कविता]]{{KKCatKavita}}<poemPoem>जीवन पर्व, प्रिये ! अभिनन्दन ।
प्रेरित-ज्योति, नूतन साधन ।।