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जुग जुग जिय सु ललनवा भवनवा के भाग जागल हो...
ललना लाल होइयें कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो...
आजु के दिनवा सुहावन रतिया लुभावन हो...
ललना दिदिया के होरिला जनमले....होरिलवा बड़ा सुन्दर हो...
नकिया त हवे जैसे बाबूजी के अंखिया ह माई के हो...
ललना मुहवा ह चनवा-सुरुजवा त सगरो अंजोर भैले हो...
सासु सोहागिन बड़भागिन अन्न-धन लुटावेली हो...
ललना दुअरा पे बाजे ला बधैया अंगनवा उठे सोहर हो...
नाचि-नाचि गावेली बहिनिया ललन के खेलावेली हो...
ललना हंसी हंसी टिहुकी चलावेली रस बरसावेली हो...
जुग जुग जिय सु ललनवा भवनवा के भाग जागल हो...
ललना लाल होइयें कुलवा के दीपक मनवा में आस लागल हो...''
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