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मैं और तुम / केदारनाथ अग्रवाल

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'''रचनाकाल: २७-०७-१९६९'''
 
मैं
हूँ मैं
और
तुम
हो तुम
और
मैं और तुम
सर्वनाम हैं
आदमी की संज्ञा के
जिसका अस्तित्व
विज्ञान और
तकनीक से जुड़ा है
 
रचनाकाल: १९-११-१९७२, रात
</poem>
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