Last modified on 16 मई 2022, at 23:51

विश्व पटल पर नील गगन में / हरिवंश प्रभात

विश्व पटल पर नील गगन में
उड़ो तिरंगा निर्भय हो,
एक साथ सब मिलकर बोलो
भारत माता की जय हो।

अपने वतन से प्यार हमें है
हममें चाह अमन की है,
तिरंगे को मिले सलामी
आस्था जन गण मन की है।
अमर शहीदों की गाथा
हम याद सदा करते तन्मय हो।

लोकतंत्र की बलिवेदी पर
हम आहूति देनेवाले,
आ रहे विदेशी खतरों से
हम हैं लोहा लेने वाले।
नहीं किसी का हृदय व्यथित हो
दिल में नहीं किसी को भय हो।

मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे में
प्रेम बढ़े विश्वास बढ़े
यह गणतंत्र अमर हो अपना
नफरत घटे मिठास बढ़े।
देश की खातिर मर मिटने का
यही वक्त हो यही समय हो।

शांति और सौहार्द भाव से
हमने है सीखा रहना
सत्यमेव जयते के आगे
हमने है सीखा बढ़ना।
अपना देश महान रहा है
इसमें कभी नहीं संशय हो।