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विषाद - 3 / विजेंद्र एस विज
Kavita Kosh से
उसने पाताल से निकलकर
लिखी एक कविता...
विजय पा ली
अपने गिरते आत्म विश्वाश पर..
शून्यता से दूर
गगन में तारों के साथ
खेलने लगी...
उसने एक कविता लिख दी
संसार रच डाला...