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वे दिल जानी प्यारेआ / बुल्ले शाह
Kavita Kosh से
आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ,
केही चेटक लाया ई!
मैं तेरे विच्च ज़रा ना जुदाई<ref>बिछोड़ा</ref>,
सात्थों आप छुपाया ई।
मज्झीं आइआँ राँझा/यार ना आया,
फूक बिरहों डोलाया ई!
आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ।
मैं नेड़े मैनूँ दूर क्यों दिस्नाऐं,
सात्थों आप छुपाया ई।
आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ।
विच्च मिसरदे वाँग जुलैखां
घुँघट खोल्ह रूलाइआ ई।
आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ।
सहु बुल्ले दे सिर विच्च बुरका,
तेरे इशक नचाया ई।
आ खाँ वे दिल जानी प्यारेआ।
केही चेटक लाया ई।
शब्दार्थ
<references/>