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वे दुनिया मै दुःख पावैगे पिया जिन के पास ईमान नही / मेहर सिंह

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वार्ता- इतनी बात सुनकर रानी अम्बली क्या कहती है। सुनिए इस रागनी में-

जवाब राणी का

चोखा समझण जोगा स्याणा सै ऊंच नीच का ध्यान नहीं
वे दुनिया मैं दुःख पावैंगे पिया जिन के पास ईमान नहीं।टेक

नजर फला कै देख लिए नित पेड़ धर्म का फलता है
सत का तेल घलै दीपक मैं तो ज्ञान उजाला जलता है
धर्म के फंदे मैं फंस कै मन नहीं हिलाया हिलता है
अच्छी शोभत वाले को पिया अच्छा ही फल मिलता है
सत्संग से हो बुद्धी चेतन गुरु बिन मिलता ज्ञान नहीं।

एक त्रिशंकु का जाया सुण्या हो धूम मची जग सारे मैं
राजपाट धन दौलत सब दे दिया एक इसारे मैं
मत आसानी बात सोचिए ज्यान ठोकणी आरे मैं
लड़का राणी बेच दिए खुद बिक्या धर्म के बारे मैं
भंगी के घर नीर भर्या के कह्या गया इन्सान नहीं।

साची बात कहुं तेरे तै कर साची को मंजूर पिया
हाथ जोड़ कै खड़ी सामने सत की बांधी हूर पिया
पणमेसर तै मिलता जुलता जती सती का नूर पिया
सच्चाई पै चलना चाहिए सच्चाई के घर दूर पिया
सच्चा सौदा बेच लिए तेरी झूठ की चलै दुकान नहीं।

वो माणस ना किसै काम का ओम नाम पै सिर धुणता ना
दुःख सुख की घड़ियां नै मेहर सिंह आंगलियां पै गिणता ना
वो माणस सदा सुख पावै जो बात गैर की सुणता ना
इतना हमणे सुण राख्या सै सांग जाट का बणता ना
जो जाट हो कै नै सांग करै वो असली की सन्तान नहीं।