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वैधानिक चेतावनी में ‘ना’ / गुल मकई / हेमन्त देवलेकर
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बहुत थोड़ी होती है उसकी उम्र
बलि चढ़ाने के लिए ही जैसे
जन्म दिया जाता उसे
किसी निषेधात्मक वाक्य को लिखते हुए
जब आती होगी बारी 'ना' की
आशंका का एक गड्ढा -सा
मालूम पड़ता होगा
-उसे लिखना याने डुबो देना है
'ना'
एक अक्षर है महज़
लेकिन अकेला नहीं
विरोध का जुलूस उसके साथ है
वह अकेला अक्षर
अनुशासन का पूरा वाक्य है
और नकारात्मक भाषा का
एक सकारात्म्क बिम्ब
उसे मिटा देने पर बनी ख़ाली जगह
शहीद स्मारक है
और हमारी असभ्यता की मुनादी भी।