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वैलेन्टाईन-डे / शशि सहगल
Kavita Kosh से
सेंट वेलेन्टाईन का जन्म-दिन
देता है संदेश
सभी को खुश रहने का
बाँटता है प्रेम
प्रेमियों में बढ़ाता है मुहब्बत
गहरे होते संबंधों की
याद दिलाता है वैलेन्टाईन-डे।
पहले भी खुशनुमा तरीके से
होता था प्रेम
आत्मीयता का समुद्र
गहराता था कहीं भीतर
सड़क और चौराहों पर
प्रेम-प्रदर्शन के
नहीं बिकते थे कार्ड
अरे, प्रेम तो नितान्त निजी अनुभव है
किसी खास दिन
या तारीख का
मोहताज नहीं होता है प्रेम
वो तो कहीं भी
कभी भी हो सकता है
ज़रा सोचिये तो
कभी कोई दिन तय कर के
प्रेम किया है आपने?