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वॉन गॉग के लिए / नामदेव ढसाल
Kavita Kosh से
सूरजमुखी तेरे ही
अनुभव की अभिव्यक्ति
कितनी कड़ी धूप सही तूने
फिर भी, यार !
धूप का रंग भूल ही
गया ना —
मूल मराठी भाषा से अनुवाद : संजय भिसे