वो अकेला ही रह गया होगा।
दर्द रिश्तो का सह गया होगा॥
वो था भूकंप या तूफान कोई
घर भी धीरज का ढह गया होगा॥
यत्न से राज छुपाये शायद
बेखुदी में ही कह गया होगा॥
कुछ भरोसा हुआ जो बातों से
अश्रु आँखों से बह गया होगा॥
मीठी नजरों ने छू लिया मन को
दर्द उतना न रह गया होगा॥