भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
वो अभी पूरा नहीं था हाँ मगर अच्छा लगा /'अना' क़ासमी
Kavita Kosh से
वो अभी पूरा नहीं था हाँ मगर अच्छा लगा
जंगले से झांकता आधा कमर अच्छा लगा
इन महल वालों को कमरों में सजाने के लिए
इक पहाड़ी पर बना छोटा सा घर अच्छा लगा
इस बहाने कुछ परिंदे इस तरफ आते तो हैं
इस शहर के बीच ये बूढ़ा शजर अच्छा लगा
एक पागल मौज उसके पांव छूकर मर गई
रेत पर बैठा हुआ वो बेखबर अच्छा लगा
एक मीठी सी चुभन दिल पर ग़ज़ल लिखती रही
रात भर तडपा किये और रात भर अच्छा लगा
जिससे नफरत हो गई समझो कि फिर बस हो गई
और जो अच्छा लगा वो उम्र भर अच्छा लगा
बोलना तो खैर अच्छा जानते ही हैं हुजूर
बात कह जाना मगर ना बोलकर अच्छा लगा