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वो आयेंगे चादर तो बिछा दूँ कोरी / जाँ निसार अख़्तर
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वो आयेंगे चादर तो बिछा दूँ कोरी
पर्दों की ज़रा और भी कस दूँ डोरी
अपने को सँवारने की सुधबुध भूले
घर-बार सजाने में लगी है गोरी