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वो जाकर क्यों नहीं लौटा अभी तक / जहीर कुरैशी
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वो जाकर क्यों नहीं लौटा अभी तक
सताती है यही चिन्ता अभी तक
अकेला हूँ मैं वो भी है अकेली
है दोनों ही तरफ़ दुविधा अभी तक
वो दुर्घटना से इतना डर गया है
न चीखा और न रोया अभी तक
हमारे देश में वोटों की कीमत
समझ पाई नहीं जनता अभी तक
पहाड़ों से वो क्या टकरा सकेगा
जो ख़ुद से ही नहीं जूझा अभी तक
हमारे बीच तन के भी अलावा
बची है प्यार की उष्मा अभी तक
अमन के गीत गाकर भी अमन को
न समझी एटमी दुनिया अभी तक