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वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पास होता है / उर्मिलेश
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वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पास होता है
वो कोई ग़ैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है
किसी से अपने दिल की बात कहना तुम न भूले से
यहाँ ख़त भी ज़रा सी देर में अखबार होता है
हमारे सुख से दुःख उनको हमारे दुःख से सुख उनको
सही माने में अपनों का यही व्यवहार होता है
हमेशा हम जिन्हें सच बोलने की सीख देते हैं
उन्हीं के सामने सच बोलना दुश्वार होता है
किसी को दिल न देने की कसम हर बार खाई है
मगर मजबूर हैं हमसे यही हर बार होता है