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वो जो नहीं है किसी जैसा / फ़रोग फ़रोखज़ाद

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मैंने एक ख़्वाब देखा कि कोई आ रहा है.
मैंने एक लाल सितारे को ख़्वाब में देखा,
और मेरी पलकें झपकने लगती हैं
मेरे जूते तड़कने लगते हैं
अगर मैं झूठ बोल रही हूँ
तो अन्धी हो जाऊँ.
मैंने तब उस लाल सितारे का ख़्वाब देखा
जब मैं नींद में नहीं थी,
कोई आ रहा है,
कोई आ रहा है,
कोई बेहतर.

कोई आ रहा है,
कोई आ रहा है,
वो जो अपने दिल में हम जैसा है,
अपनी साँसों में हम जैसा है,
अपनी आवाज़ में हम जैसा है,
वो जो आ रहा है
जिसे रोका नहीं जा सकता
हथकड़ियाँ बाँध कर जेल में नहीं फेंका जा सकता
वो जो पैदा हो चूका है
याह्या के पुराने कपडों के नीचे,
और दिन ब दिन
होता जाता है बड़ा, और बड़ा,
वो जो बारिश से,
वो जो बून्दों के टपकने की आवाज़ से ,
वो जो फूलों के डालियों की फुसफुसाहट में,
जो आसमान से आ रहा है
आतिशबाज़ी की रात मैदान-ए-तूपखाने में
दस्तर-ख्वान बिछाने
रोटियों के हिस्से करने
पेप्सी बाँटने
बाग़-ए-मेली के हिस्से करने
काली खाँसी की दवाई बाँटने
नामज़दगी के दिन पर्चियाँ बाँटने
सभी को अस्पताल के प्रतीक्षालयों के कमरे बाँटने
रबड़ के जूते बाँटने
फरदीन सिनेमा के टिकट बाँटने
सय्यद जवाद की बिटिया के कपड़े देने
देने वह सब जो बिकता नहीं
और हमें हमारा हिस्सा तक देने.
मैंने एक ख़्वाब देखा.

माइकल सी, हिलमन के अंग्रेजी अनुवाद से हिन्दी में अनुवाद भारत भूषण तिवारी

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