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वो हमारे प्यार में रुसवा हुआ / रंजना वर्मा
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वो हमारे प्यार में रुसवा हुआ
जाने कैसे दिल को ये धोखा हुआ
आग चारो ओर नफरत की लगी
आज आलम है बहुत सहमा हुआ
चाँद क्योंकर मुँह छुपाने है लगा
धूप से उस का नहीं रिश्ता हुआ
हैं नहीं कलियाँ गुलाबों की खिलीं
किसलिये है ये चमन महका हुआ
आसमाँ के ही तले होगी बसर
छोड़ आये गाँव जब जलता हुआ
बस तसल्ली दिल को ये दे लीजिये
आज तक जो भी हुआ अच्छा हुआ
हादसे कुछ इस क़दर हावी हुए
है अना का आइना टूटा हुआ