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व्यथा की थाह / शिवराम

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किसी तरह
अवसर तलाशो
उसकी आँखों में झाँको
चुपचाप
गहरे और गहरे
वहाँ शायद
थाह मिले कुछ
उसकी व्यथा का
पूछने से
कुछ पता नहीं चलेगा।