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व्रत / रजत कृष्ण
Kavita Kosh से
तुमने आज व्रत रखा
पति के लिए
कुछ दिनों पहले
व्रत रखा था
पुत्र-पुत्रियों के लिए ।
तुम व्रत रखती हो
शिव-शंकर को याद करते हुए
राम-कृष्ण और उनके
अन्य अवतारों के नाम भी ।
धरती तो धरती
तुम्हारे हिस्से मढ़ा है
व्रत चाँद का, सूरज का
और अमावस्या का भी
वट, पीपल, आँवला
तुलसी सहित रखती हो
व्रत तुम
जानें कितनी ही
वनस्पतियों का !
स्त्री एक बात तो बताओ
क्या कोई व्रत है ऐसा
जिसमें वह पुरूष
तुम्हारा साथ देता
जिसके लिए तुम
रहती हो निर्जला
पूजती हो समझ कर उसे
दुनिया का सबसे बड़ा देवता ।।