शंका समाधान / 10 / भिखारी ठाकुर
वार्तिक:
इसमें झूठ रेकार, गाली-तीनों शब्द आती है। मुझे मालूम होता है कि बड़ को गाली झूठ रेकार होता ही रहता है। कुंअर विजयी में लोग गाते हैं-
रामजी का ई विधवा लिखले कर्त्तारवा रे ना।
कर्तार ब्रह्मा को कहते हैं। उसमें भी बड़े रेकार है। ईश्वर के नाम अनेक हैं। किन्तु सब नाम से बड़ा रामनाम नारदजी का वाक्य है।
चौपाई
यद्यपि प्रभु के नाम अनेका, श्रुति कह अधिक एका ते एका॥
राम सकल नामन्ह ते अधिका, होउ नाथ अघ खन गन बधिका॥
रा।च।मा। आ। 40 / 60
ईश्वर का कोई अवतार कोई नाम को रेकर होता है। कोई-कोई माई लोग दुःख पड़ने से 'रामवां-रामवां' कहकर रोती है। मुझे मालूम होता है जे रामनाम के बड़ा समझ करके रेकार होता है। मेरा नाम में इतना गुण और प्रेम होने का कारण मुझे मालूम होता है जे जो नाम शिवजी काहै, वही नाम भी मेरा है। 'भिखारी' नाम भिक्षा, अरी नाम शत्रु, शिवजी भिक्षा के शत्रु हैं।
शिवजी तो कुछ सूम नहि जो ' धन के धरे खजाने में।
सारी बसुधा बाँटे दई मशहूर हे यही जमाने में। '
अथवा
धन् धन् भोला नाथ बाँट दिया तिन लोक एक पल भर में,
ऐसा दीन दयालु को दाता कौड़ी नहीं रखी घर में।