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शकुनिकेर पासापर हारल अछि मान हमर / बाबा बैद्यनाथ झा

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शकुनिकेर पासापर हारल अछि मान हमर
शूलीपर यीशू जकाँ टांगल अछि प्राण हमर

जिनगीक समस्याकेर हेतैक निदान कोना
चक्रव्यूहक भेदनमे घायल अछि जान हमर

एक भेलै, दू भेलै, तीन, चारि, पाँच भेल
काँकोड़-बियान जकाँ जनमल संतान हमर

सभदिन इजोत टामे हुनकर छल संग बनल
जिनगीक अन्हरियामे गायब अछि चान हमर

मित्र सभक भीड़ छलै हरदम कचहरी जकाँ
जीवन रहै स्वर्ग, मुदा बनलै सुनसान हमर

‘बाबा’ बिहाड़ि कतेक हमरा हिला ने सकल
सुतलोमे हरदम छल जागल ईमान हमर