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शफ़क़ शजर मौसमों के ज़ेवर नए नए से / मनचंदा बानी

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शफ़क़ शजर मौसमों के ज़ेवर नए नए से
दुआओं के ओस चुनते मंज़र नए नए से

नमक नशीली गुदाज़ फ़स्लें नई नई सी
उफ़ुक़ परिंदे गुलाब बिस्तर नए नए से

ख़ला ख़ला बाज़ुओं को भरती नई हवाएँ
सफ़र सदफ़ बाद-बाँ समंदर नए नए से

ये दिन ढले किस का मुंतज़िर मैं नया नया सा
ये फैलते ख़्वाब मेरे अंदर नए नए से

ख़ुनुक हवा शाम की कहानी नई नई सी
पुराने ग़म फिर मोहब्बतों भर नए नए से