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शब्दकोश / केदार कानन

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कवि लिखि रहल अछि
कविता
पंक्तिमे भरि रहल अछि
अनमोल आ विरल
भड़कैत क्रांतिधर्मी शब्द
सोझाँमे खुल पड़त अछि
शब्दकोश

कवि ताकि रहल अछि
किछफ आरो नव
किछु आरो तेज शब्द
जे तलवारक धार जकाँ चमकैत हो
उनटा रहल अछि पृष्ठ पर पृष्ठ
बड्ड मोसकिलसँ भेटैत छैक
एहन शब्द
खिसिआइत रहैत अछि कवि
सोझाँमे खुजल पड़ल अछि
शब्दकोश

कतेक काल आँखि पथरौने देखैत रहैछ
सुन्न भेल सड़क
पक्षीविहीन गाछ
खुक्ख कल्पनाशीलतामे डूबिकें
समुद्रसँ मोती जकाँ
जतनसँ चुनए चाहैछ
चमकैत कोनो शब्द
सोझाँमे खुजल पड़ल अछि
शब्दकोश

हमरा समयक
ई भविष्णु कवि
सत्ते
बड्ड आगाँ धरि जाएत।