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शब्द-२ / ओम पुरोहित ‘कागद’
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इस तरह
व्यर्थ न गंवाओ
शब्दों को
सहेजने होंगे
कुछ शब्द
पुन: निकट
आने के लिए
मौन तोड़ने के निमित ।
अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"