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शब्द जल जाएँगे हवाओं से / जगदीश पंकज
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शब्द जल जाएँगे हवाओं से
आप गुज़रेंगे बस तनावों से
मैं फ़कत आईना दिखाता हूँ
ख़ुद को ख़ुद पूछिए अदाओं से
आपकी चीख़ शोर में गुम है
लोग चिपके हैं अपने घावों से
यह महज इत्तिफ़ाक ही होगा
खड़े होगे जो अपने पावों से
खंजरों से तो बच भी जाओगे
बचना मुश्किल है इन अदाओं से
आग बाहर हो या कि भीतर हो
हम सभी घिर गए शुआओं से