भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शब्द होती है कविता / मोहन आलोक

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शब्द
जब असमर्थ हो जाते हैं
अर्थ देने में
तो पंक्ति रची जाती है

पंक्ति,
जब व्यर्थ हो जाती है
भावना की भूमि पर
तो कहानी कही जाती है

कहानी,
जब कह नहीं पाती है
अपने भीतर की कहानी,
तो कविता आती है
और अपने
बिम्बों,
प्रतीकों,
उपमाओं के माध्यम से
अर्थ को पहुंच कर
एक शब्द बन जाती है ।

अनुवाद : नीरज दइया