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शब्द / संजीब कुमार बैश्य / प्रभात रंजन

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शब्द उनके ह्रदय से
चिपक गए हैं

उनके ख़ाली पेट
सड़क पर
विद्रोह करते हैं
उनके फटे कपड़े
बनाते हैं दृश्य

उनकी आवाज़ों में
संगीत है
नीरस धरती का

वे
अव्यवस्था की धुन पर
नाचते हैं

अँग्रेज़ी से अनुवाद : प्रभात रंजन