शराबी की सूक्तियाँ-11-20 / कृष्ण कल्पित
ग्यारह
शराबी
अपनी प्रिय क़िताब के पीछे
छिपाता है शराब।
बारह
एक शराबी पहचान लेता है
दूसरे शराबी को
जैसे एक भिखारी दूसरे को।
तेरह
थोडा सा पानी
थोडा सा पानी
सारे संसार के शराबियों के बीच
यह गाना प्रचलित है।
चौदह
स्त्रियाँ शराबी नहीं हो सकतीं
शराबी को ही
होना पडता है स्त्री।
पन्द्रह
सिर्फ़ शराब पीने से
कोई शराबी नहीं हो जाता।
सोलह
कौन सी शराब
शराबी कभी नहीं पूछता
सत्रह
आजकल मिलते हैं
सजे-धजे शराबी
कम दिखाई पडते हैं सच्चे शराबी।
अठारह
शराबी से कुछ कहना बेकार।
शराबी को कुछ समझाना बेकार।
उन्नीस
सभी सरहदों से परे
धर्म, मजहब, रंग, भेद और भाषाओं के पार
शराबी एक विश्व नागरिक है।
बीस
कभी सुना है
किसी शराबी को अगवा किया गया?
कभी सुना है
किसी शराबी को छुड़वाया गया फिरौती देकर?