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शराब / कुलदीप सिंह भाटी
Kavita Kosh से
1
शराब की खाली बोतलें
केवल खाली बोतलें नहीं हैं,
ये हैं पियक्कड़ बाप के
स्नेह से वंचित बालमन
का खालीपन।
2
पत्नी के आँसुओं का खारापन
उतर आता होगा शराब में,
तभी हलक से नीचे उतारने के लिए
पानी मिलाता है शराबी शराब में।
3
शराबी घूंट-घूंट शराब पीता है और
परिवार घूंट-घूंट अपमान पीता है,
मुश्किल है
दोनों के लिए घूंट-घूंट पीना।
4
शराब के नशे में
नहीं लड़खड़ाता है केवल शराबी,
लड़खड़ाती है उसके
परिवार की आर्थिक स्थिति।
5
शराब में बर्बाद नहीं होता है
केवल रुपया पैसा और शराबी,
बर्बाद होने लगती हैं
बच्चों की खुशियाँ,
पत्नी का प्रेम
और अंततः पूरा परिवार।