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शरीर का हल / शब्द प्रकाश / धरनीदास

कटहरा है शीश औ हरीस पीठि पौरि साथ, पारिहत्थ हाथ ज्वाठ पेटनार चाम है।
वरन सो कान, नाक पाट, नयन सामइल, पाँव बैल, छैल, जोति मोंहन को नाम है॥
कर फार सार करुआर अंड सो प्रचंड, पायन प्रयोग हल ग्राहि मन काम है।
धरनी कही है निरुआरि सो विचारिदेखो, नारि है कियारी गिरहस्त एक राम है॥25॥