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शर्मीले मेढक / राकेश कुमार पटेल
Kavita Kosh से
बेहद शर्मीले होते हैं
बेचारे बरसाती मेढक
पानी भरे खेतों में
लंबा तैरते हैं दिन भर और
रात भर गाना गाते हैं
जब पानी में तैर-तैर कर
प्रेमालाप करते हैं
और उनसे नजर मिल जाए
आपकी तो
बेचारे शरमाकर गहरे पानी में
डूब-डूब कर तैरने लगते हैं
लेकिन आलिंगनबद्ध।