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शहर-3 / जय राई छांछा
Kavita Kosh से
मुखौटे बनाने वाले कारखाने
और
मुखौटे लगाने वाले लोग
दोनों मिलते हैं शहर में
इसलिए
प्यार और सद्भावना का
अकाल रहता है शहर में ।
मूल नेपाली से अनुवाद : अर्जुन निराला