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शहर बाजार में जाइजो हो बना जी हो राज / राजस्थानी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
शहर बाजार में जाइजो हो बना जी हो राज
पान मंगाय वो रंगतदार बनजी बांगा माहे
पांन खाय बनी सांभी सभी, बना हजी हो राजे
बनो खीचे बनी से हाथ... हो बांगा माहे
हाव्यलड़ों मत खीचों बना जी हो राजे
रुपया लेस्सूँ सात हजार... हो बांगा माहे
ऊधार फुझाब मैं नहीं करां हो राज
रुपया गिगलां सात हजार... हो बांगा माहे
शहर बाजरां मती जाइजो हो राज
म्हांने परदेसी रो कांई रे विसवास... हो बांगा माहे...