Last modified on 1 फ़रवरी 2017, at 14:40

शहर में साँप / 19 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

साँप
बिना केकरो
डँसने भागल जाय रहै
दूसरे ने पूछलकै-किए
बेतहासा भाइग रहलोॅ
वें कहलकै/रास्ता में आदमी मिललै
जहर खोपड़ी में छिपैनेॅ छै।

अनुवाद:

साँप
बिना किसी को
डँसे भाग रहा था
दूसरे ने पूछा- इस तरह क्यों
बेतहासा भागे जा रहे हो?
उसने कहा/रास्ते में आदमी मिला है।
जहर खोपड़ी में छिपाए।