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शहर में साँप / 49 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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साँप नेॅ
आदमी सेॅ कहलकै
तोंय विपत्ति में फँसल आदमी केॅ
देख केॅ भाग सकै छौ
मुदा हम्में दोस्ती में
ओकरा बचवै लेली
एैड़ सकै छौं/लैड़ सकै छौं
जानों भी गंवाय सकै छौं।

अनुवाद:

साँप ने
आदमी से कहा
तुम विपत्ति में फँसे आदमी को
देख कर भाग सकते हो
किन्तु मैं दोस्ती में
उसे बचाने के लिए अड़ सकता हूँ
लड़ भी सकता हूँ
जान भी गंवा सकता हूँ।