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शहर में साँप / 50 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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साँप ने
आदमी से कहलकै
हम्में देखै में
डरावना होय सकै छौं
किन्तु
दुष्ट नै होय सकै छौं।

अनुवाद:

साँप ने
आदमी से कहा
मैं देखने में
डरावना हो सकता हूँ
किन्तु
दुष्ट नहीं हो सकता।