भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शहीद / सुधा ओम ढींगरा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बेटा शहीद हुआ
पति शहीद हुआ
भाई शहीद हुआ
पिता शहीद हुआ.

प्रकृति सुबकी
इन्सानियत बिलखी
चाँद, सूरज, तारों
की रौशनी तड़पी.

नेताओं और धर्म
के लिए, इन्सान नहीं
सिर्फ सिपाही शहीद हुआ.

जो बेगुनाह था
पर देश- प्रेम से
ओत- प्रोत देश भक्त था,
देश के लिए शहीद हो गया.