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शांति की, सद्भाव की बातें करें हम / रमेश चंद्र पंत
Kavita Kosh से
शांति की, सद्भाव की बातें करें हम,
राष्ट्र के उत्थान की बातें करें हम ।
है पनपने लग गई नफ़रत दिलों में,
स्नेह की, विश्वास की बातें करें हम ।
ख़ून की फिर से नदी बहने न पाए,
मिलकर रहें, समभाव की बातें करें हम ।
जाति, भाषा, धर्म की दीवार तोडें,
आदमीयत की यहाँ बातें करें हम ।
छल न पाए अब अँधेरा फिर किसी को,
ज्योति-गीतों की यहाँ बातें करें हम।