भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शांति की, सद्भाव की बातें करें हम / रमेश चंद्र पंत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शांति की, सद्भाव की बातें करें हम,
राष्ट्र के उत्थान की बातें करें हम ।

है पनपने लग गई नफ़रत दिलों में,
स्नेह की, विश्वास की बातें करें हम ।

ख़ून की फिर से नदी बहने न पाए,
मिलकर रहें, समभाव की बातें करें हम ।

जाति, भाषा, धर्म की दीवार तोडें,
आदमीयत की यहाँ बातें करें हम ।

छल न पाए अब अँधेरा फिर किसी को,
ज्योति-गीतों की यहाँ बातें करें हम।