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शांत / राधेश्याम चौधरी

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रोज घटी रहलोॅ छै घटना
नगर छै शांत
लोग परेशान छै
सब्भैं अपना केॅ अकेल्लोॅ पावै छै
जानै रोॅ सब्भैं केॅ इच्छा छै
मतरकि
पहरेज करै छै हरदम
सामाना कोय नै आबै छै
सड़कों पर जरी रहलोॅ छै आगिन
धुईयाँ छै
बेचैनी छै
बाहर निकलै रोॅ
समाचार नै छै
आदमी रोॅ।
मोहल्ला शांत छै
कुत्तौं तांय नै भुखै छै
अन्हरिया रात
सुनसान वातावरण
जेना लागै छै
श्मशान
कर्फु लागलोॅ रहेॅ।