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शाइस्तगी को बीच की दीवार करोगे / रवि सिन्हा
Kavita Kosh से
शाइस्तगी<ref>सभ्यता (civility)</ref> को बीच की दीवार करोगे
मालूम था पहचान से इनकार करोगे
अख़लाक़<ref>शिष्टाचार (civilized conduct)</ref> के तहज़ीब के सौदागरे-जदीद<ref>आधुनिक (Modern)</ref>
मालूम था ख़ुद को बहुत ज़रदार<ref>धनी (Wealthy)</ref> करोगे
मशरिक़<ref>पूरब (East)</ref> ज़मीन और है मग़रिब<ref>पश्चिम (West)</ref> ज़मीन और
दोनों में एक ही फ़सल तैयार करोगे
बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल<ref>बच्चों का खेल (Children's play)</ref> है दुनिया तिरे आगे
इसको कभी मक़्तल<ref>क़त्लगाह (Place of slaughter)</ref> कभी बाज़ार करोगे
परवरदिगार को यहाँ नीचे उतार कर
जम्हूरियत के खेल में किरदार करोगे
शब्दार्थ
<references/>