शान्ति / सरिता शर्मा / विलियम बटलर येट्स
ओह, काल उस रूप को कैसे छू सका
जो दिखा सकता था कि होमर का काल
नायक के मेहनताने के लिए क्या उगाता था
"क्या उसका पूरा जीवन सिर्फ़ तूफ़ान नहीं था
क्या चित्रकार इतने सुन्दर
चित्र नहीं बनाएँगे, ” मैंने कहा,
"इतना भद्र उन्नत सिर,
आकर्षण के बावजूद इतनी सख्ती,
ताक़त के साथ-साथ इतनी मिठास?"
ओह, मगर बहुत बाद में वह शान्त हो गई,
जब समय ने उसके रूप को छू दिया था।
मूल अँग्रेज़ी से सरिता शर्मा द्वारा अनूदित
लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
PEACE
AH, that Time could touch a form
That could show what Homer’s age
Bred to be a hero’s wage.
“Were not all her life but storm
Would not painters paint a form
Of such noble lines,’ I said,
“Such a delicate high head,
All that sternness amid charm,
All that sweetness amid strength?
Ah, but peace that comes at length,
Came when Time had touched her form.