चारों तरफ़ सिर्फ़ हरापन है
और भीगी पृथ्वी
सूरज लंबे अवकाश पर जा चुका
हर बूंद एक मनमौजी बीज
पीले खजूर के गुच्छे
पंख-पसारा खोल नाचते हैं
एक जवान होते तालाब के
सीने पर
तमगे की तरह चमकता है चाँद
चारों तरफ़ सिर्फ़ हरापन है
और भीगी पृथ्वी
सूरज लंबे अवकाश पर जा चुका
हर बूंद एक मनमौजी बीज
पीले खजूर के गुच्छे
पंख-पसारा खोल नाचते हैं
एक जवान होते तालाब के
सीने पर
तमगे की तरह चमकता है चाँद