शायद, अगर ऐसा हुआ / रणजीत
शायद, अगर ऐसा हुआ
लगता है: हमें एक प्रयोग और करना पड़ेगा
एक लड़ाई और लड़नी होगी
एक इन्क़लाब फिर खड़ा करना होगा
लगता है हमें एक बार फिर सोचना पड़ेगा
कि क्यों हमारी हर बग़ावत
कामयाबियों के ढिंढोरे के बाद भी
उसी निज़ाम की बाँदी बनकर रह जाती है
जिसके खिलाफ उसने तलवार उठाई थी
क्यों हमारी हर लड़ाई
जीत की खुशियों के बाद भी
विफलता के बियाबानों में खो जाती है
मनाते हैं हम
ज़ोरों से चाहते हैं
कि इस बार का हमारा प्रयोग असफल न हो
कि इस बार हमारा बहाया खून बेकार न जाय
कि इस बार इन्क़लाब के पहिये
सत्ता और स्वार्थ के दलदल में फँसकर न रह जाय
फिर भी अगर ऐसा हुआ
तो हम फिर एक नई बग़ावत का झण्डा उठाने में नहीं हिचकेंगे
फिर गलत व्यवस्था के विरुद्ध हथियार उठाने में न झिझकेंगे
फिर अपने पवित्र खून का अर्घ्य देने से मुँह न मोड़ेंगे
लगता है: शायद हमें एक प्रयोग और करना पड़ेगा।