Last modified on 20 जनवरी 2010, at 12:50

शायद इसीलिए / रंजना जायसवाल

सुख हो
या दुःख
स्त्री बतियाती है
हर अवसर पर
गीत गाती है

शायद इसीलिए
इतने सारे दुःख
ढो पाती है।