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शायद इसीलिए / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
सुख हो
या दुःख
स्त्री बतियाती है
हर अवसर पर
गीत गाती है
शायद इसीलिए
इतने सारे दुःख
ढो पाती है।