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शायद / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
प्यार का एक कर्ज
जो तुम
मुझ पर सौंप गये थे
मैं तनहा
उतार नहीं पाती हूँ
तुम होते
तो शायद उतर जाता ।