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शिकायत नहीं / स्नेहमयी चौधरी

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मेरे बच्चे को मुझ से कोई शिकायत नहीं।


मैंने रात में सोते समय कभी

नानी की कहानियाँ नहीं सुनाई,

खाने-पीने में उसकी रुचि नहीं पूछी,

साथ बैठकर, उसके दोस्तों के साथ होने वाले

लड़ाई-झगड़े नहीं सुलझाए।


मैंने उसके

खेलने और भटकने पर कभी बंधन नहीं लगाया,

क्योंकि कामों की भीड़ निपटाने के लिए

मुझे समय चाहिए था।


मैं व्यस्त थी।


धीरे-धीरे

उसकी आदत बन गई--

कामिक्स, टी.वी. और रेडियो में

अपने को व्यस्त रखने की

अब मैं उसके लिए अनावश्यक हो गई हूँ।


मुझे इस बात की शिकायत है।