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शिकायत / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
गुलाब का सौन्दर्य
जूही की कोमलता
और रातरानी की खुशबू
सब कुछ तो थे
फिर क्या हुआ
कि तुम मुझे
एक गजरे का
रूप न दे सके ।