शिकायत / कमलेश कमल
तुम्हें शिकायत
कि देर से लौटता हूँ घर
कुछ उम्रदराज और
लापरवाह-सा दिखता हूँ
लाडो की शिकायत
कि नहीं छोड़ता उसे
कॉलेज अपनी स्कूटर से
नहीं देता परमीशन
ग्रुप-टूर के लिए
छोटू की ज़िद
कि नहीं ला देता उसे
गियर वाली साईकल
कि नहीं ले जाता दिखाने पिक्चर
कि नहीं मिले अबकी
त्यौहार में नये कपडे़
नहीं खरीद दिया नया फोन
अब कैसे बताऊँ
कि नहीं मिलते क्लर्की में इतने पैसे
कि चला सकूँ किराया
राशन, बिजली का बिल
कॅापी, कलम, किताबें
केबल का ख़र्चा
कि दोस्तों में भी
करना पड़ता है मैन्टेन
बोनस, एरियर तक चले जाते हैं
स्कूल फीस,
ट्यूशन फीस
और परीक्षा दिलाने में
फ़िर स्कूटर मेरा
चाह राह है रिपेयरिंग
घिस गये हैं जूते
शादी वाला सूट ही पहन
अभी तक जाता हूँ पार्टी में
कि चार साल से सोच रहा हूँ
दाँत दिखवाने को
इसलिये पढ़ाने लगा हूँ
अब ट्यूशन
दो-तीन घरों में