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शिक्षक को कौन सिखाएगा? / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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मैं शिक्षक हूँ
लेकिन मुझे कौन सिखाएगा ?
मुझे कैसे पता चले, वे क्या सिखलाना चाहते हैं ?
 
मेरे इरादे अच्छे हैं, तैयार हूँ, सबकुछ सीखने को
कसाइयों की इज़्ज़त करनी है
लेकिन हर कसाई की तो नहीं ?
किसकी नहीं करनी है?

शायद
मैं मात खा चुका हूँ : मैंने
फ़्युहरर को सिर्फ़ एक महान शख़्स कहा ।
 
मैं कोई कसर बाकी नहीं रखता, लेकिन
आख़िर इनसान हूँ और ग़लतियाँ हो ही जाती हैं ।

मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य