शिव जी हीरो बनोॅ हो-02 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'
ताल दादरा
अजी गौरा के माय अजी गौरा के माय
तोरोॅ की सुध बुध गेलोॅ छौं भुतलाय।।
सोन! हे नी धोया के है रंग जमाय
से की तों मैना गेलो छोॅ पगलाय।।
दुलहा के जट्टा में मंुह क’ छिपाय
गोरी गोरी मौगी छै बैठली लुकाय।।
एकरा में दोष हमरोॅ कुच्छू नै भाय
नारद न’ गौरा क’ देलकै बौराय।।
गेलै यही दुलहा पर गौरा लोभाय
करल’ छै तप बड़ी तन क’ तपाय।।
ताल-कहवा
करि द’ सकल दुख दूर हे दानी भोला
करि द’ सकल दुख दूर
हम्में च़ढ़ै भौं भोला फूल तेल पतिया हे
अच्छत चन्दन धथूर हे दानी भोला।।करि द’.।।
हम्में जरै भौं भोला घीयोॅ के बतिया हे
आरो जरै भौं जी कपूर हे दानी भोला
करि द’ सकल दुख दूर।।
आंखी के जोॅल देभौं गंगा के जोॅल देभौं
बेलोॅ के पत्ता भरपूर हे दानी भोला।।करि द’.।।
जल्दी ढ़रैछोॅ औघर दानी छोॅ भोला बाबा
तोरोॅ छौं य’ ह’ दस्तूर हे दानी भोला।।करि द’.।।
हम्में छी घोर पापी हमरा निहारोॅ भोला
माफ करोॅ तोहें कसूर हे दानी भोला।।करि द’.।।